8th Pay Commission Latest News: जब भी वेतन आयोग लागू किया जाता है तो हमेशा सरकारी कर्मचारी और पेंशन धारकों के लिए नई उम्मीद लेकर आता है इस बार जब वित्त मंत्रालय ने आयोग के लिए टर्म आफ रेफरेंस (ToR) को मंजूरी दी तो कर्मचारी के संगठनों ने अपनी मांगे उसके सामने रख दी जिसमें पेंशन में संशोधन, OPS की बहाली और अंतरिम राहत जैसी जरूरी बातों को रखा गया है लेकिन इस पर कर्मचारी महासंघ ने आपत्ति जताते हुए पीएम मोदी को एक पत्र लिखा है।
महासंघ ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी
महासंघ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है जिसमें ToR में बदलाव कर पेंशन संशोधन और अन्य मांगों को शामिल करने की अपील की गई है यह महासंघ केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और वर्कर्स से मिलकर बना है जिसमें 130 विभागों के लगभग 8 लाख कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करता है।
क्या है मुख्य मांगे?
कर्मचारी महासंघ ने आपत्ति जताते हुए पीएम मोदी को जो पत्र लिखा है उसमें कई मांगे की है इसमें लिखा गया है कि आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू की जाएं अलग-अलग पेंशन योजनाओं के अनुसार पेंशन और पेंशनरी बेनिफिट्स में बदलाव किया जाए इसके अलावा OPS की बहाली और एनपीएस/यूपीएस की भी समीक्षा की जानी चाहिए कर्मचारियों को शीघ्र ही 20% अंतरिम राहत दी जाए इसके फायदे स्वायत्त निकायों और ग्रामीण डाक सेवकों तक पहुंचे CGHS जैसी स्वास्थ्य सुविधाये के स्वायत्त निकायों तक बढ़ाई जानी चाहिए।
स्वास्थ्य सेवाओं का हो विस्तार
सीजीएचएस जैसी स्वास्थ्य सुविधाएं स्वायत्त और वैधानिक निकायों के कर्मचारी तक पहुंचाई जाए साथ ही जिला मुख्यालय पर और वेलनेंस सेंटर को ओपन किया जाए जिससे कर्मचारियों और पेंशन धारकों को कैशलेस और अच्छा इलाज मिल सके आयोग गठन और लागू होने में देरी को देखते हुए कर्मचारी को 20% अंतरिम राहत देने के अपील की गई है जिसमें महंगाई और देरी से होने वाले नुकसान को भी भरा जाएगा और लगभग 1.2 करोड़ कर्मचारियों का मनोबल बढ़ जाएगा।
8वें वेतन आयोग के फायदे का विस्तार
संगठन के अनुसार आयोग का लाभ केवल सरकारी कर्मचारियों तक ही सीमित न रहे बल्कि स्वायत्त और वैधानिक निकायों के कर्मचारियों और ग्रामीण डाक सेवकों को भी मिलना आवश्यक है 1 अप्रैल 2004 के बाद के लगभग 26 लाख कर्मचारी एनपीएस और यूपीएस के दायरे में आते हैं संगठन चाहता है कि इन्हें पुरानी पेंशन योजना के अनुसार रखा जाए संगठन ने अपील की है कि इस मांग को ToR में भी शामिल किया जाए और मौजूदा योजनाओ की समीक्षा कर इनसे लाभकारी योजना की सिफारिश की जाए।