10 साल नौकरी करने पर प्राइवेट कर्मचारियो को कितनी मिलेगी पेंशन जाने EPS के नियम EPFO Pension Latest News

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EPFO Pension Latest News: अगर आप एक प्राइवेट कर्मचारी हैं तो आपके लिए यह जानना बहुत ही आवश्यक है कि आप 10 साल की सर्विस पूरी करने पर पेंशन पाने के हकदार बन जाते हैं यह पेंशन आपको Employee Pension Scheme (EPS) के अनुसार दी जाती है जो ईपीएफओ (Employees Provident Fund Organisation) द्वारा संचालित होती है EPS का फायदा उन सभी कर्मचारियों को मिलता है जो EPF के अंतर्गत आते हैं।

10 साल की सेवा आवश्यक

रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को उसका EPS अकाउंट में जमा पैसे से हर महीने पेंशन दी जाती है कर्मचारियों को पेंशन तभी दी जाती है जब वह 58 साल की उम्र में रिटायर होता है इसके लिए शर्त यह है कि उसने कम से कम 10 साल की नौकरी की हो कर्मचारी की उम्र 50 साल से भी कम है तो भी वह पेंशन का हकदार है लेकिन यह रकम असल पेंशन से कम होती है अगर कोई कर्मचारी 10 साल पूरे करने से पहले नौकरी छोड़ देता है तो उसे हर महीने पेंशन नहीं मिलेगी उसके EPS अकाउंट में जमा पैसे उसे रिटायरमेंट के बाद मिल जाएंगे

इस तरह तय होती है पेंशन की रकम

कोई भी कर्मचारी की पेंशन फार्मूले के अनुसार तय की जाती है पेंशन वाली सेलरी को पेंशन वाली सर्विस से गुणा किया जाता है फिर रिजल्ट को 70 से डिवाइड करने पर इसको निकाल दिया जाता है पेंशन वाली सैलरी का मतलब है कि पेंशन सैलरी के पिछले 60 महीने और पेंशन वाली सर्विस का मतलब है किसी भी कर्मचारी ने कुल कितने साल काम किया है इसके अनुसार कोई भी कर्मचारी जितनी ज्यादा साल काम करेगा उसकी पेंशन उसी हिसाब से उतनी ही ज्यादा बनेगी। मिनिमम मंथली पेंशन ₹1000 है अगर किसी की पेंशन वाली सैलरी ₹15000 है और उसने 10 साल सेवा की है तो फार्मूला के हिसाब से[ (₹15000 × 10)/70 = ₹2141 प्रति माह ] होगी।

इस प्रकार काम करता है EPF और EPS

जब भी किसी प्राइवेट कर्मचारी की सैलरी दी जाती है तो उसका एक हिस्सा हर महीने उसके ईपीएफ अकाउंट में जमा किया जाता है यह राशि भविष्य के लिए बचत का काम करती है इस पूरे EPF सिस्टम में न  केवल कर्मचारी योगदान देता है बल्कि एंपलॉयर का भी सहयोग दिया जाता है कर्मचारियों की महंगाई भत्ता का कुछ प्रतिशत EPF में जमा होता है इसके अलावा एंपलॉयर की बेसिक और DA का 8.33% ईपीएस (Employee Pension Scheme) में जमा होता है EPS में जमा होने वालिबअधिकतम लिमिट ₹15000 सैलरी पर आधारित होती है यानी 8.33$ इसी राशि पर लागू किया जाता है।