8th Pay New Commission Chart Update: 8वें वेतन आयोग से जुड़ी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं और सरकारी कर्मचारियों के बीच सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर उनकी सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होने वाली है। विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार, इस बार फिटमेंट फैक्टर 1.83 से 2.46 तक रहने का अनुमान है। अगर ऐसा होता है तो कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 32,940 रुपये से बढ़कर 44,280 रुपये तक पहुंच सकता है। 8वें वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस सरकार द्वारा जारी किए जाने के बाद से ही केंद्रीय कर्मचारियों में नए सैलरी स्ट्रक्चर को लेकर उत्सुकता काफी बढ़ गई है। हर किसी के मन में यही सवाल है कि 8th Pay Commission लागू होने के बाद बेसिक पे कितनी होगी और कुल सैलरी में कितना इजाफा देखने को मिलेगा।
फिटमेंट फैक्टर क्या होता है?
फिटमेंट फैक्टर को सरल भाषा में समझें तो यह एक तरह का मल्टीप्लायर होता है। इसी के माध्यम से
पुरानी बेसिक सैलरी को नई बेसिक पे में बदला जाता है। 7वें वेतन आयोग के दौरान फिटमेंट फैक्टर
2.57 तय किया गया था। यानी कर्मचारियों की पुरानी बेसिक सैलरी को 2.57 से गुणा करके नई बेसिक
सैलरी निर्धारित की गई थी। अब 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर कितना रहेगा, यही चर्चा का सबसे बड़ा मुद्दा है, क्योंकि यही फैक्टर यह तय करेगा कि कर्मचारियों की न्यूनतम और अधिकतम बेसिक सैलरी कितनी होगी।
फिटमेंट फैक्टर कैसे तय होता है?
फिटमेंट फैक्टर तय करने की प्रक्रिया काफी व्यापक होती है। इसे किसी एक पैरामीटर के आधार पर नहीं, बल्कि कई आर्थिक और सामाजिक मानकों को ध्यान में रखते हुए निर्धारित किया जाता है। इनमें मुख्य रूप से निम्न बिंदु शामिल होते हैं:
- महंगाई दर (Inflation)
- जीवन-यापन की लागत (Cost of Living)
- परिवार की बुनियादी जरूरतों पर होने वाला मासिक खर्च
- शिक्षा, स्वास्थ्य, इंटरनेट, किराया, कपड़े और भोजन पर खर्च
इस पूरी प्रक्रिया में डॉ. अक्रॉइड फार्मूला भी शामिल माना जाता है, जिसमें परिवार की रोजमर्रा की जरूरतों जैसे खाने-पीने, कपड़े, मकान, ईंधन, परिवहन और कम्युनिकेशन (इंटरनेट, मोबाइल आदि) पर होने वाले खर्च को ध्यान में रखा जाता है।
8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर कितना रह सकता है?
वित्तीय संस्था Ambit Capital की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 8th Pay Commission में फिटमेंट फैक्टर 1.83 से 2.46 के बीच रह सकता है। यदि फिटमेंट फैक्टर इस दायरे में तय होता है तो न्यूनतम वेतन में लगभग 14% से 54% तक की बढ़ोतरी संभव मानी जा रही है। उदाहरण के तौर पर, अगर वर्तमान में किसी कर्मचारी की न्यूनतम बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है, तो फिटमेंट फैक्टर बढ़ने के साथ यह रकम करीब दोगुनी तक पहुंच सकती है। हालांकि, 54% तक की बढ़ोतरी की संभावना कम मानी जा रही है,
क्योंकि इससे केंद्र सरकार पर काफी अधिक वित्तीय बोझ पड़ सकता है।
ग्रेड पे के आधार पर अनुमानित नई सैलरी
8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर के 1.92 से 2.57 तक रहने की संभावनाएं भी जताई जा रही हैं। इसी अनुमान के आधार पर विभिन्न ग्रेड पे पर कर्मचारियों की बेसिक सैलरी और नेट सैलरी का एक अनुमानित चार्ट नीचे दिया गया है। यह सिर्फ संभावित आंकड़े हैं, आधिकारिक नहीं:
| ग्रेड पे | फिटमेंट फैक्टर | बेसिक (₹) | नेट सैलरी (₹) |
|---|---|---|---|
| 1900 | 1.92 | 54,528 | 65,512 |
| 1900 | 2.57 | 72,988 | 86,556 |
| 2400 | 1.92 | 73,152 | 86,743 |
| 2400 | 2.57 | 97,917 | 1,14,975 |
| 4600 | 1.92 | 1,12,512 | 1,31,213 |
| 4600 | 2.57 | 1,50,602 | 1,74,636 |
| 7600 | 1.92 | 1,53,984 | 1,82,092 |
| 7600 | 2.57 | 2,06,114 | 2,41,519 |
| 8900 | 1.92 | 1,85,472 | 2,17,988 |
| 8900 | 2.57 | 2,48,262 | 2,89,569 |
8वां वेतन आयोग कब से लागू हो सकता है?
केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग की अध्यक्षता पूर्व न्यायमूर्ति रंजना देसाई को सौंपी है। आयोग को लगभग 18 महीनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपनी है। इस रिपोर्ट में कर्मचारियों की सैलरी, नई बेसिक पे, फिटमेंट फैक्टर, अलाउंस और पेंशन से जुड़ी सिफारिशें शामिल होंगी। अनुमान है कि 8th Pay Commission की सिफारिशों का लाभ देश के 50 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख से ज्यादा पेंशनर्स को मिलेगा। हालांकि, टर्म्स ऑफ रेफरेंस में पेंशनर्स को स्पष्ट रूप से शामिल न किए जाने की वजह से उनके बीच कुछ संशय जरूर बना हुआ है, लेकिन अंतिम फैसला आयोग की सिफारिशों और सरकार के निर्णय पर निर्भर करेगा।
नोट: ऊपर दिया गया सैलरी चार्ट और फिटमेंट फैक्टर केवल विभिन्न रिपोर्टों और अनुमानों पर आधारित हैं। आधिकारिक जानकारी सरकार द्वारा अधिसूचना जारी करने के बाद ही स्पष्ट होगी।