8th Pay Commission Big News: 8वें वेतन आयोग को लेकर चर्चा तेज हो गई है। इस समय दो प्रमुख मुद्दे सबसे ज्यादा सुर्खियों में हैं। पहला—टर्म्स ऑफ़ रेफरेंस में संशोधन की मांग, जिसे लेकर 69 लाख से अधिक पेंशनर्स लगातार आवाज उठा रहे हैं। दूसरा बड़ा मुद्दा पुरानी पेंशन योजना (OPS) को फिर से लागू करने का है। राष्ट्रीय परिषद संयुक्त परामर्श तंत्र ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र भेजकर 8वें वेतन आयोग के टीओआर में बड़े बदलाव करने की मांग की है। जेसीएम का कहना है कि ओल्ड पेंशन स्कीम को बाहर रखना कर्मचारियों के हित में नहीं है और पिछले वेतन आयोग की तरह पेंशन संशोधन संबंधी प्रावधान फिर से शामिल किए जाएं।
सरकार 8th Pay Commission के टीओआर को मंजूरी दे चुकी है और आयोग का गठन भी हो गया है। इसी बीच एनसी-जेसीएम के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने 69 लाख पेंशनर्स को टीओआर में स्पष्ट रूप से शामिल करने और केंद्रीय कर्मचारियों तथा सशस्त्र बलों के हितों की सुरक्षा पर जोर दिया है।
क्या हैं जेसीएम के बड़े प्रस्ताव
एनसी-जेसीएम ने आठवें वेतन आयोग के टीओआर में कई अहम संशोधन सुझाए हैं। सबसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव है—हितधारकों की अपेक्षाओं वाला खंड फिर से जोड़ना, जिसे सातवें वेतन आयोग में रखा गया था, लेकिन आठवें वेतन आयोग से हटा दिया गया है।
संगठन ने कहा है कि इस बदलाव से कर्मचारियों में असंतोष बढ़ रहा है ।इसके साथ 26 लाख कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की भी प्रमुख मांग है, जो फिलहाल एनपीएस के तहत आते हैं। इसके अलावा संगठन ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि आयोग की सिफारिशें जनवरी 2026 से लागू घोषित की जाएं और कर्मचारियों व पेंशनर्स को 20% अतिरिक्त राहत प्रदान की जाए।
क्या 69 लाख पेंशनर्स 8वें वेतन आयोग से बाहर हैं?
पेंशनर्स से जुड़े मुद्दे पर सबसे अधिक असंतोष देखा जा रहा है। एनसीजेसीएम का कहना है कि भले ही सरकार ने कहा है कि पेंशनर्स भी वेतन आयोग का हिस्सा हैं, लेकिन टर्म्स ऑफ़ रेफरेंस में पेंशन संशोधन का कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है। संगठन ने पेंशनर्स के लिए कुछ प्रमुख बिंदु जोड़ने की मांग की है:
- 11 साल बाद कम्यूटेशन बेनिफिट बहाल किया जाए
- हर 5 साल में 5% पेंशन बढ़ोतरी लागू की जाए
- रिटायर्ड कर्मचारियों को स्पष्ट पेंशन संशोधन का लाभ मिले
पेंशनर्स को लाभ न मिलने पर 29 नवंबर को धरना प्रदर्शन
8वें वेतन आयोग की टर्म्स ऑफ़ रेफरेंस में पेंशनर्स का जिक्र न होने से असंतोष चरम पर है। सेवा निवृत्त कर्मचारी पेंशनर्स एसोसिएशन की कोर कमेटी की बैठक में तय किया गया कि सभी जिलों में विरोध के तहत एक दिवसीय धरना और कैंडल मार्च निकाला जाएगा। 29 नवंबर को यह विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। रिटायर्ड कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि जब तक सरकार स्पष्ट आदेश जारी कर पेंशनर्स को आठवें वेतन आयोग में शामिल नहीं करती, आंदोलन जारी रहेगा।