Samvida karmchari Update News: लंबे समय से संघर्ष कर रहे संविदा कर्मचारियों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है दिल्ली नगर निगम ने अपने संविदा और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है निगम की बैठक में यह प्रस्ताव पास किया है कि 1 अप्रैल 2010 से 31 मार्च 2015 के मध्य तैनात किए गए दैनिक वेतन भोगी सफाई कर्मचारियों को नियमित किया जाना चाहिए यह कर्मचारी लंबे समय से अपने नियमितीकरण के लिए लड़ाई लड़ रहे थे कुछ दिन पहले इन्होंने प्रदर्शन भी किया था।
नियमितीकरण का प्रस्ताव पारित
दिल्ली नगर निगम द्वारा आम सभा की बैठक बुलाई जिस बैठक में कई आम मुद्दों को लेकर चर्चा की गई की गई जिसमें 1 अप्रैल 2010 से 31 मार्च 2015 के बीच नियुक्त सभी दैनिक वेतन भोगी श्रमिको सफाई कर्मचारियों को नियमित करने का प्रस्ताव पारित किया गया है महापौर सरकार राजा इकबाल सिंह ने कहा है कि एमसीडी अपने सफाई कर्मचारियों के हित के रक्षा के लिए वादा कर रहे है और भविष्य में भी उन्हें नियमित करने के लिए ठोस कदम उठाता रहेगा।
कर्मचारियों में खुशी का माहौल
इस फैसले के बाद से हजारों सफाई कर्मचारियों में खुशी की लहर है यह कर्मचारी काफी सालों से नियमितीकरण की मांग कर रहे थे अब निगम की सहमति मिलने से इन्हें स्थाई नौकरी का रास्ता खुल गया है जिसके साथ इन्हें सामाजिक सुरक्षा का लाभ, मेडिकल सुविधा और पक्का वेतन भी मिलता रहेगा।
नियमित होने पर मिलेगा अन्य लाभ
कर्मचारी यूनियन ने इस निर्णय का स्वागत किया है और उम्मीद भी की है कि सरकार इस फैसले को तेजी से लागू करेगी यह कर्मचारी लंबे समय से सेवा दे रहे थे सभी संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा नियमित होने के बाद इन कर्मचारियों को पक्का वेतन, पेंशन व अन्य सामाजिक सुरक्षा के अलावा मेडिकल सुविधाएं दी जाएगी इसके अलावा पदोंन्नति (प्रमोशन) जैसे अधिकार मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
आर्थिक स्थिति में होगा सुधार
दिल्ली नगर निगम के इस फैसले से अब सफाई कर्मचारियों को अपनी नौकरी खोने का डर नहीं रहेगा पहले इन कर्मचारियों को चिंता रहती थी लेकिन अब नियमित होने पर इन्हें स्थाई रोजगार मिल सकेगा जिससे यह अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को और भी बेहतर बना सकेंगे इनके यह वेतन, छुट्टियां, पेंशन और अन्य सुबिधायें के मिलने से बड़ी राहत पा सकेंगे सरकार ने इन कर्मचारियों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करके भरोसा बढ़ा दिया है अब इससे सिद्ध हो गया है कि निगम उनके हित की रक्षा के लिए बराबर कार्य कर रहा है।