पेंशन और ग्रेच्युटी पर सरकार का नया नियम, कर्मचारियों की रिटायरमेंट प्रक्रिया में बड़ा बदलाव Superannuation Pension News

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Superannuation Pension News: सरकर की ओर से ग्रेच्युटी और पेंशन लाभ को लेकर एक बड़ा नियम लागु हुआ है कर्मचारी के रिटायरमेंट के समय में मिलने वाली पेंशन और ग्रेच्युटी लाभ को लेकर अभी सरकार स्थिति को साफ कर रही है कर्मचारियों को पेंशन और ग्रेच्युटी को लेकर काफी असमंजस बना हुआ था यह दिशा निर्देश केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियम 2021 के अनुसार रूल 44 के द्वारा जारी किया गया है जिसकी चर्चा ऑफिस मेमोरेंडम में की गई है सरकार द्वारा जारी इस अधिसूचना के अनुसार कर्मचारियों को मिलने वाले सभी लाभ उनकी कुल सेवा अवधि और सक्षम प्राधिकार की मंजूरी पर निर्भर रहेेंगे।

क्या है सुपरऐन्यूएशन पेंशन?

कर्मचारियों को यह जानना आवश्यक है कि सुपरऐन्यूएशन पेंशन क्या होती है यह वह पेंशन है जो कर्मचारी को निर्धारित रिटायरमेंट उम्र पूरी होने पर दी जाती है यानी कि 58 साल या सुपीरियर सर्विस में 60 साल की उम्र को लिया गया है इस उम्र को पूरा होते ही जो रिटायर होता है उसे सुपरऐन्यूएशन बोला जाता है।

पेंशन के नए नियम में बड़ा बदलाव

ऐसे कर्मचारी जिनकी अनिवार्य सेवानिवृत्ति 10 साल या फिर उससे अधिक की योग्य सेवा पूरी होने के बाद मिलती है तो उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति पेंशन का पूरा अधिकार होगा इसका प्रतिशत सक्षम प्राधिकारी द्वारा निर्धारित किया जाएगा पेंशन की अंतिम राशि सेवा अवधि और मंजरी दोनों को देखते हुए निश्चित होगी है इसके अलावा ऐसे कर्मचारी जिनकी अनिवार्य सेवानिवृत्ति 10 साल की सेवा पूरी होने से पहले हो जाती है उन्हें पेंशन के बजाय सर्विस ग्रेच्युटी दी जाएगी यह ग्रेच्यूटी सुपरऐन्यूएशन सर्विस ग्रेच्यूटी का 1% भाग होगी और इसे भी सक्षम प्राधिकारी द्वारा मंजूरी मिलने के बाद ही दिया जाएगा सरकार ने पूरी तरह से स्थिति को स्पष्ट कर दिया है कि दोनों ही मामले में अंतिम अधिकार अब संबंधित प्राधिकरण के पास सुरक्षित रहेगा।

जारी हुई DoPPW की नई टाइमलाइन

ऐसे कर्मचारी जो अगले 15 महीने में रिटायर होने वाले हैं उनकी लिस्ट हर विभाग के प्रमुख को 15 तारीख तक हर महीने तैयार करना आवश्यक होगा यानी कि रिटायरमेंट की उल्टी गिनती 15 महीने से ही स्टार्ट हो जाती है 12 महीने वाले सरकारी आवास की जानकारी का सत्यापन भी किया जाता है अगर कर्मचारी सरकारी आवास में रह रहा है तो उसकी पूरी डिटेल रिटायरमेंट से 1 साल पहले देनी जरूरी है जिससे एनडीसी प्राप्त हो सके 6 से 12 महीने पहले की सर्विस रिकॉर्ड की जांच की जाती है जिससे कोई गलती या कमी रहने पर उसे ठीक किया जा सके और पेंशन कैलकुलेशन में किसी भी तरह की दिक्कत ना आए इसके अलावा 6 महीने पहले कर्मचारियों को पेंशन का फॉर्म भी जमा करना होगा तथा 4 महीने पहले ही इसे निपटाना होगा इसके बाद ही पेंशन से जुड़े काम को पूरा किया जा सकेगा 2 महीने पहले पेंशन पेमेंट ऑर्डर जारी किया जाएगा और 21 दिनों के अंदर पेंशन डिसबर्सिंग अथॉरिटी को भेजना जरूरी है रिटायरमेंट के समय कर्मचारियों को पेंशन का भुगतान किया जाएगा उसे तुरंत जारी किया जाएगा सरकार के इस नियम से कर्मचारियों को पेंशन एबिलिटी मिलने में एक दिन भी देरी नहीं होने वाली है।

सरकार ने विभागों और मंत्रालयों को दिया निर्देश

सरकार द्वारा सभी मंत्रालय और विभागों को निर्देश जारी किये जा चुके हैं अब नए नियम को हर कर्मचारी तक पहुंचना आवश्यक है जिससे किसी भी तरह का भ्रम की स्थिति ना रहे कर्मचारियों के लिए यह जानना भी आवश्यक है कि 10 साल की सेवा पूरी होने से पहले और बाद में मिलने वाले लाभों में अंतर है। ऐसी कर्मचारी जो 10 साल के आसपास की सेवा पर हैं उन्हें अपने रिटायरमेंट लाभो को समझने और पेंशन अधिकारियों से समय पर परामर्श लेने की सलाह दी जाती है सरकार का यह अपडेट कर्मचारियों को अपनी रिटायरमेंट सुरक्षा और वित्तीय योजना के बेहतर ढंग से समझने में काफी सहायता करेगा यह भी स्पष्ट होगा कि अनिवार्य सेवानिवृत्ति के मामले में पेंशन और ग्रेच्युटी से जुड़ी कोई भी गलत जानकारी कर्मचारियों के बीच उत्पन्न न हो सके।